
अभिनेत्री से नेता बनी उर्मिला मातोंडकर (फोटो: उर्मिला मातोंडकर के इंस्टाग्राम से)
उर्मिला और विवाद हमेशा साथ रहे। कभी राम गोपाल वर्मा के साथ अफेयर को लेकर, कभी धर्मांतरण को लेकर और कभी शादी को लेकर, कभी सियासी बयानों को लेकर
- न्यूज 18
- आखरी अपडेट:4 फरवरी, 2021, 6:11 AM IST
उर्मिला ने तीन साल की उम्र में 1977 की फिल्म कर्मा में एक बाल कलाकार के रूप में अपनी शुरुआत की। 1983 में रिलीज़ हुई फिल्म मासूम से उन्हें एक पहचान मिली। इसमें उन पर फिल्माया गया गाना ‘लकड़ी की साठी, काठी पे घोड़ा’ आज भी सुना जाता है। मुख्य लीड के रूप में उर्मिला मलयालम हैं चलचित्र चाणक्यन और उनकी पहली हिंदी फ़िल्म नरसिम्हा 1991 में रिलीज़ हुई थी, लेकिन 1995 की फ़िल्म राम गोपाल वर्मा की रंगीला से उर्मिला बॉलीवुड में ‘रंगीला गर्ल’ के नाम से मशहूर हुईं।
रंगीला की हिट के बाद, राम गोपाल वर्मा और उर्मिला ने एक साथ कई फिल्में कीं। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि इससे उनके करियर को नुकसान पहुंचा। राम गोपाल वर्मा का बॉलीवुड में कई लोगों के साथ मतभेद था, जिसके कारण कोई भी उर्मिला के साथ काम नहीं करना चाहता था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब राम गोपाल वर्मा ने उनके साथ फिल्में बनाना बंद कर दिया, तो उनके पास कोई काम नहीं बचा था, यही वजह है कि उर्मिला ने इंडस्ट्री से बाहर हो गईं।

बी डे-एक्ट्रेस से राजनेता बनीं उर्मिला मातोंडकर के विवादों ने उन्हें कभी नहीं छोड़ा
उर्मिला ने कश्मीरी व्यवसायी मोहसिन अख्तर से शादी की, जो उनसे 9 साल छोटा है। उर्मिला की शादी में धर्मांतरण को लेकर भी काफी विवाद हुआ था। उर्मिला की शादी में केवल दो परिवार और उनके दोस्त शामिल हुए। मोहसिन एक व्यवसायी होने के साथ-साथ एक मॉडल भी हैं। वह फिल्म लक बाय चांस में भी दिखाई दिए हैं।
उर्मिला मातोंडकर ने 2019 के लोकसभा चुनावों से राजनीति में कदम रखा। वह उस समय कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ी थी लेकिन वह हार गई थी। कुछ समय बाद, उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और वर्ष 2020 में उर्मिला शिवसेना में शामिल हो गईं। उर्मिला बड़ी शिद्दत के साथ राजनीतिक बयानबाज़ी करती रहती हैं और विवादों में घिर जाती हैं।
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